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शासकीय आदर्श महाविद्यालय झाबुआ में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ

राष्ट्रीय सेवा योजना रेड रिबन और स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में हुआ आयोजन

उच्च शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश शासन की निर्देशानुसार शासकीय आदर्श महाविद्यालय झाबुआ में राष्ट्रीय सेवा योजना रेड रिबन और स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस का आयोजन प्राचार्य डॉ दीपक रावल के मार्गदर्शन मैं किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉक्टर मनीष चौधरी ने संविधान द्वारा प्रदत मानवाधिकार पर चर्चा करते हुए विद्यार्थियों को अवगत कराया गया और बताया कि सामान्य जीवन यापन के लिए प्रत्येक मनुष्य के अपने परिवार, कार्य, सरकार और समाज पर कुछ अधिकार होते हैं, जो आपसी समझ और नियमों द्वारा निर्धारित होते हैं। इसी के अंतर्गत संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसंबर 1948 को सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणापत्र को आधिकारिक मान्यता दी गई, जिसमें भारतीय संविधान द्वारा प्रत्येक मनुष्य को कुछ विशेष अधिकार दिए गए हैं। अत: प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी डॉक्टर ब्रह्म प्रकाश ने बताया कि कोई हमारे अधिकारों का हनन न करें इसलिए संविधान के द्वारा हमें कुछ अधिकार प्रदान किए गए हैं जिन्हें मानवाधिकार के नाम से जाना जाता है राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर मुकेश बघेल ने बताया किराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग राष्ट्र में मानवाधिकारों की रक्षा और संवर्धन के लिए भारत की चिंता की अभिव्यक्ति है। यह वर्ष 1993 के अक्टूबर महीने में अस्तित्व में आया। इसका क़ानून मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम (PHRA) में रखा गया है, जिसे 1993 में मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2006 द्वारा संशोधित किया गया।

 

एनएचआरसी का गठन पेरिस के सिद्धांतों के अनुरूप है। संसद द्वारा पारित मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम के उद्देश्य और उद्देश्य के अनुसार एनएचआरसी एक अनुशंसात्मक निकाय है। यह पूरी दुनिया की अधिकांश मानवाधिकार संस्थाओं के समान है।

 

मानवाधिकार उल्लंघन की आपत्तियों और शिकायतों पर गौर करने के अलावा आयोग के कार्यों में सुरक्षा उपायों की समीक्षा करना भी शामिल है। संविधान या किसी कानून के तहत दिए गए सुरक्षा उपाय, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों या अनुबंधों के क्रियान्वयन के लिए सिफारिशें करते हैं।

 

इसके अलावा, मानवाधिकारों के मुद्दे पर अनुसंधान करना तथा सेमिनार, चर्चा और वाद-विवाद कार्यक्रम और कार्यक्रम आयोजित करना। कार्यक्रम का संचालन स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ प्रभारी डॉक्टर पूजा बघेल द्वारा किया गया और अंत में आभार प्रोफेसर संजय खांडेकर द्वारा माना गया इस अवसर पर डॉ कीर्ति सिंगोरिया , प्रो. प्रगति मीमरोत, डॉ रंगारी डोडवा डॉ प्रियंका डोडवा, प्रो .मुकेश सूर्यवंशी, डॉ मधुबाला मारु एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे!

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